नई दिल्ली: 9 जुलाई को देशभर में कई ट्रेड यूनियनों ने भारत बंद का आह्वान किया है, इस राष्ट्रव्यापी हड़ताल में करोड़ों कर्मचारियों के शामिल होने का अनुमान लगाया जा रहा है. ऐसे में भारत बंद का पूरे देश में व्यापक असर हो सकता है. बैंकिंग, बीमा, डाक अन्य जैसे कई सेक्टरों के कामगार इस हड़ताल में शामिल हो सकते हैं. यानि इन सेक्टर्स में काफी प्रभावित हो सकता है. बात करें राजधानी दिल्ली की तो यहां कर्मचारी यूनियन ने खुद को इस हड़ताल से अलग कर लिया है.

दिल्ली में हड़ताल का कैसा असर:

भारत बंद से देशभर के आर्थिक, शैक्षणिक और कई प्रमुख संस्थानों और सेवाओं पर असर पड़ सकता है. लेकिन दिल्ली में इस हड़ताल का खासा असर देखने को नहीं मिलेगा.माना जा रहा है कि दिल्ली में सभी बाजार और व्यापारिक प्रतिष्ठान कल पूर्ण रूप से खुले रहेंगे. इसमें दिल्ली के 700 बाजार और 56 इंडस्ट्रियल एरिया शामिल हैं.

चांदनी चौक से सांसद प्रवीण खंडेलवाल ने किया साफ
चांदनी चौक से सांसद तथा कन्फ़ेडरेशन ऑफ़ ऑल इंडिया ट्रेडर्स ( कैट) के राष्ट्रीय महामंत्री प्रवीन खंडेलवाल का स्पष्ट रूप से कहना है कि इस तरह के बंद का समर्थन न तो दिल्ली अथवा देश के व्यापारियों ने किया है. कल देश भर के बाजारों में व्यापार पूर्व की भांति सामान्य रूप से चलता रहेगा और इस बंद के आह्वान का कोई प्रभाव नहीं पड़ेगा.

उन्होंने कहा की व्यापार और अर्थव्यवस्था को किसी भी प्रकार की बाधा से मुक्त रखना आवश्यक है और व्यापारी समाज इस दिशा में अपनी जिम्मेदारी को निभाता रहेगा.

CTI चेयरमैन ने कही ये बात
वहीं चैंबर्स ऑफ ट्रेडर एंड इंडस्ट्री के चेयरमैन बृजेश गोयल ने बताया कि 9 जुलाई को दिल्ली में सभी 700 बाजार और 56 इंडस्ट्रियल एरिया पूरी तरह से खुले रहेंगे. दिल्ली में व्यापार सुचारु रूप से चलेगा. इन बाजारों में चांदनी चौक, खारी बावली, नया बाजार, कश्मीरीगेट, सदरबाजार, करोलबाग, लाजपत नगर, कनॉट प्लेस, कमला नगर आदि बाजार खुले रहेंगे.

'भारत बंद' से दिल्ली की दूरी !
बृजेश गोयल ने आगे बताया कि CTI ने सभी तमाम व्यापारी संगठनों से चर्चा के बाद ही यह घोषणा की है. सभी का कहना है कि दिल्ली में बंद को लेकर किसी भी संस्था या संगठन ने दिल्ली के व्यापारी संगठनों से कोई संपर्क नहीं किया है.

केंद्र सरकार की नीतियों से परेशान कर्मचारी !
बता दें कि इस भारत बंद का आह्वान करते हुए ट्रेड यूनियनों और मज़दूर संगठनों ने केंद्र सरकार पर आरोप लगाए है कि मोदी सरकार की ओर से आक्रामक तरीक़े से चार लेबर कोड्स यानी श्रम संहिताओं को लागू किया जा रहा है.

केंद्रीय ट्रेड यूनियनों और स्वतंत्र सेक्टोरल फेडरेशनों/संघों का संयुक्त मंच ने देशभर के कामगारों और उनकी यूनियनों से अपील की है कि वे इस हड़ताल में हिस्सा ले और 9 जुलाई 2025 की देशव्यापी आम हड़ताल को ऐतिहासिक रूप से सफल बनाएं.

हड़ताल का इन सेक्टर्स में हो सकता है असर
बता दें भारत में 10 केंद्रीय ट्रेड यूनियनों के एक फॉरम ने कहा कि बैंकिंग, बीमा, डाक और कंस्टरक्शन जैसे पब्लिस सर्विस सेक्टर के 25 करोड़ से अधिक कर्मचारी बुधवार 9 जुलाई को राष्ट्रव्यापी हड़ताल या भारत बंद का आह्वान कर सकते हैं.

हिंद मजदूर सभा के हरभजन सिंह सिद्धू ने कहा, "बंद से पूरे देश में सेवाएं बाधित होंगी. हड़ताल के कारण बैंकिंग, डाक, कोयला खनन, कारखाने, राज्य परिवहन सेवाएं प्रभावित होंगी."