भोपाल: मध्य प्रदेश के बैतूल जिले के मुलताई में शनिवार देर रात भूकंप के झटके महसूस किए गए. इससे आधी रात को इलाके में हड़कंप मच गया. रिक्टर स्केल पर भूकंप की तीव्रता 2.8 मापी गई. स्थानीय लोगों ने बताया कि घरों में रखे बर्तन, पंखे और फर्नीचर हिलने लगे, जिसके बाद लोग डर के मारे घरों से बाहर निकल आए. भूकंप का असर खास तौर पर इंदिरा गांधी वार्ड में ज्यादा महसूस किया गया. भूकंप का केंद्र मुलताई से कुछ किलोमीटर दूर जमीन के अंदर बताया जा रहा है. हालांकि, हल्की तीव्रता वाले इस भूकंप से किसी तरह के नुकसान या जानमाल के नुकसान की खबर नहीं है, लेकिन लोगों में दहशत का माहौल है. ताजा जानकारी के मुताबिक, भूकंप रात साढ़े नौ बजे आया. मुलताई के स्थानीय निवासी रमेश वर्मा ने बताया, 'अचानक भूकंप के झटके लगे और सोफा, फ्रिज और बिस्तर जैसे घरेलू सामान हिलने लगे. हम डर गए और तुरंत बाहर भागे.' 

क्यों आया भूकंप:

जूलॉजिकल स्टडी ऑफ इंडिया के निदेशक सत्येंद्र सिंह के अनुसार बैतूल मध्य भारत टेक्टोनिक जोन में आता है, जहां टेक्टोनिक डिस्टर्बेंस के कारण छोटे-मोटे भूकंप आने की संभावना बनी रहती है। उन्होंने कहा कि बारिश के बाद बेसाल्टिक क्षेत्रों में ऐसी घटनाएं हो सकती हैं, लेकिन अगर यह टेक्टोनिक गतिविधि का नतीजा है तो भविष्य में बड़ी गतिविधि की संभावना से इनकार नहीं किया जा सकता।

प्रशासन हरकत में:

प्रशासन ने स्थिति को गंभीरता से लिया है और तत्काल कार्रवाई शुरू कर दी है। बैतूल कलेक्टर नरेंद्र कुमार सूर्यवंशी ने बताया कि प्रशासनिक अमला भूगर्भशास्त्रियों की राय ले रहा है और जल्द ही आधिकारिक जानकारी साझा की जाएगी। फिलहाल लोगों को सतर्क रहने की सलाह दी गई है। प्रशासन ने नागरिकों से अपील की है कि वे अफवाहों पर ध्यान न दें और किसी भी संदिग्ध गतिविधि की सूचना तुरंत स्थानीय अधिकारियों को दें।

म्यांमार की यादें ताजा:

यह घटना ऐसे समय में हुई है, जब 28 मार्च को म्यांमार में 7.7 तीव्रता का विनाशकारी भूकंप आया था, जिसमें हजारों लोगों की जान चली गई थी। वैज्ञानिकों ने भी हिमालय क्षेत्र में बड़े भूकंप की चेतावनी दी है। बैतूल में पिछले साल सितंबर में 4.2 तीव्रता का भूकंप भी आया था, जिसके बाद से इलाके में भूकंपीय गतिविधियों पर नजर रखी जा रही है। प्रशासन ने लोगों से भूकंप रोधी उपाय अपनाने और आपात स्थिति के लिए तैयार रहने को कहा है।