सरकारी स्वास्थ्य संस्थाओ द्वारा नवजात शिशुओं के बनेंगे आधार कार्ड, पारदर्शी ढंग से सरकारी योजनाओं का लाभ पहुंचना है लक्ष्य

रायपुर: देश के प्रत्येक नागरिक को आधार कार्ड से जोड़ने की पहल को और मजबूत करने के लिए भारत सरकार द्वारा संचालित बर्थ लिंक आधार पंजीयन योजना के अंतर्गत अब सरकारी स्वास्थ्य संस्थाओं में जन्म लेने वाले नवजात शिशुओं का भी आधार कार्ड बनाया जाएगा। इस कदम से नागरिकों को सरकारी योजनाओं का लाभ सीधे और पारदर्शी तरीके से मिल सकेगा। यह योजना आधार कार्ड के माध्यम से स्वास्थ्य, शिक्षा और वित्तीय सेवाओं तक पहुंच सुनिश्चित करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगी।
योजना के अंतर्गत स्वास्थ्य संस्थाओं में पदस्थ ऑपरेटरों को एलएमएस (लर्निंग मैनेजमेंट सिस्टम) और एनएसईआईटी (नेशनल स्किल एंड एम्प्लॉयमेंट इंडेक्स टेस्ट) परीक्षा उत्तीर्ण करना अनिवार्य है, जिसके लिए प्रशिक्षण दिया जा चुका है। अब तक 6 स्वास्थ्य संस्थाओं के ऑपरेटरों ने ये मानक पूरे कर लिए हैं। सफल अभ्यर्थियों को स्वास्थ्य सचिव श्री अमित कटारिया के हाथों टैबलेट और फिंगरप्रिंट स्कैनर डिवाइस प्रदान की गई है।
योजना के अंतर्गत प्रत्येक संस्था में सीईएलसी (चाइल्ड एनरोलमेंट लाइट क्लाइंट) किट (एंड्रॉयड टैबलेट और फिंगरप्रिंट डिवाइस) की व्यवस्था की गई है, जिससे आधार पंजीयन तेजी से और आसानी से हो सकेगा। आयुक्त एवं संचालक, स्वास्थ्य सेवाएं सुश्री प्रियंका शुक्ला द्वारा योजना की प्रगति की नियमित समीक्षा की जा रही है। संस्थाओं से प्राप्त आंकड़ों का समन्वय यूआईडीएआई (भारतीय विशिष्ट पहचान प्राधिकरण) से किया जा रहा है। जल्द ही यह योजना राज्य के सभी जिलों में सरकारी स्वास्थ्य संस्थाओं में लागू की जाएगी।