राजस्थान में पंचायत चुनाव जून से पहले न होने का कारण, सरकार ने हाईकोर्ट में किया खुलासा
राजस्थान में 6 हजार से ज्यादा ग्राम पंचायतों के चुनाव जून से पहले नहीं होंगे। हाईकोर्ट में सरकार की तरफ से पेश अतिरिक्त शपथपत्र से यह बात साफ हो गई है। सरकार ने एडिश्नल एफिडेविट पेश कर बताया- पंचायतों और नगरपालिकाओं के पुनर्गठन व परिसीमन के लिए मार्च महीने में नोटिफिकेशन जारी कर दिया है। यह प्रक्रिया मई-जून महीने तक चलेगी।उसके बाद ही पंचायतों का चुनाव कार्यक्रम तय किया जाएगा। दरअसल, हाईकोर्ट ने प्रदेश में 6,759 ग्राम पंचायतों के चुनाव स्थगित करने को चुनौती देने वाली जनहित याचिका में सरकार से पूछा था कि वह इन पंचायतों के चुनाव कब तक कराएगी।सरकार ने इससे पहले जो जवाब पेश किया था, उसमें इसका जिक्र नहीं था। ऐसे में हाईकोर्ट में पिछली सुनवाई पर राज्य सरकार को 4 फरवरी के आदेश की पालना में इन पंचायतों का चुनाव शेड्यूल बताने के निर्देश दिए थे।
जनवरी से लंबित है पंचायतों के चुनाव
याचिकाकर्ताओं के एडवोकेट प्रेमचंद देवंदा ने बताया- राज्य सरकार ने 16 जनवरी 2025 को अधिसूचना जारी करके इन पंचायतों के चुनावों को स्थगित कर दिया था।जो संविधान के अनुच्छेद 243ई, 243के और राजस्थान पंचायत राज अधिनियम 1994 की धारा 17 का उल्लंघन है। सरकार ने प्रजातंत्र की सबसे छोटी इकाई और ग्रामीण संस्थाओं को अस्थिर करते पंचायतों के आम चुनाव पर रोक लगाई है।
सरपंचों को बताया प्राइवेट व्यक्ति
जबकि संविधान एवं पंचायत राज के प्रावधानों के अनुसार पंचायत का 5 साल का कार्यकाल पूरा हो जाने पर चुनाव एक दिन भी स्थगित नहीं किया जा सकता है।साथ ही जिन निवर्तमान सरपंचों का कार्यकाल पूरा हो चुका है और वे अब जनप्रतिनिधि नहीं हैं। केवल प्राइवेट व्यक्ति हैं। इसलिए प्राइवेट व्यक्ति को नियमानुसार पंचायतों में प्रशासक नहीं लगाया जा सकता है।
प्रशासक लगाने का अधिकार
सरकार ने अपने जवाब में कहा- जिन पंचायतों के चुनाव स्थगित किए गए हैं। उनमें सरकार को प्रशासक लगाने का अधिकार है। हमने राजस्थान पंचायत राज अधिनियम-1994 की धारा-95 के तहत प्रशासक लगाए हैं। एक्ट हमें प्रशासक लगाने का अधिकार देता है। एक्ट में कहीं भी यह नहीं बताया गया है कि किसे प्रशासक लगाया जाए और किसे नहीं।
सरपंचों को लगाया था प्रशासक
ग्राम पंचायतों में जनवरी में चुनाव कराने की जगह सरकार ने मौजूदा सरपंचों को ही प्रशासक नियुक्त कर दिया था। सरपंचों की सहायता के लिए हर ग्राम पंचायत लेवल पर एक प्रशासकीय कमेटी भी बनेगी।इसमें उप सरपंच और वार्ड पंच मेंबर होंगे। पंचायती राज विभाग ने सरपंचों को प्रशासक नियुक्त करने और प्रशासनिक समिति बनाने का नोटिफिकेशन 16 जनवरी को जारी किया था।राजस्थान सरकार ने मध्य प्रदेश मॉडल पर यह फैसला किया है। पहले मध्य प्रदेश सहित कई भाजपा शासित राज्य भी इसी तरह सरपंचों को प्रशासक बना चुके हैं।